🌟 UPPCS Mains 2025 | Daily Mains Answer Writing (Day 10)
📘 विषय (Topic): दिल्ली सल्तनत काल — फ़ारसी प्रभाव और दरबारी संरक्षण की परंपरा
🧭 Q1. भारतीय संस्कृति में फ़ारसी प्रभाव के प्रसार का विश्लेषण कीजिए। (Analyze the spread of Persian influence in Indian culture.) 8 Marks / 125 Words
✍️ उत्तर संरचना (Answer Structure):
📝 नोट: नीचे दिया गया प्रारूप मॉडल उत्तर नहीं है। इसका उद्देश्य केवल यह बताना है कि आपको अपने उत्तर में किन प्रमुख बिंदुओं को शामिल करना चाहिए।
कृपया अपने शब्दों में उत्तर लिखें और नीचे कमेंट बॉक्स में उसकी स्पष्ट फोटो अटैच करें।
1️⃣ भूमिका (Introduction):
भारत में फ़ारसी प्रभाव का प्रारंभ मध्यकालीन मुस्लिम शासन के साथ हुआ। विशेष रूप से दिल्ली सल्तनत के दौरान फ़ारसी भाषा, संस्कृति और प्रशासनिक परंपराएँ भारतीय समाज में गहराई से समाहित हुईं।
2️⃣ मुख्य भाग (Body):
(A) फ़ारसी प्रभाव के प्रमुख क्षेत्र:
- भाषा और साहित्य: दरबार की राजभाषा फ़ारसी बनी। अमीर ख़ुसरू जैसे कवियों ने फ़ारसी और हिंदवी का समन्वय किया।
- प्रशासन: फ़ारसी शब्द जैसे दारोग़ा, फ़रमान, दीवान, जागीर आदि भारतीय प्रशासन का हिस्सा बने।
- कला और स्थापत्य: मीनार, मक़बरा और मेहराबों में फ़ारसी स्थापत्य शैली का प्रयोग।
- संगीत एवं परिधान: ईरानी वाद्य-यंत्रों और परिधानों का भारतीय जीवन में प्रवेश।
(B) सांस्कृतिक समन्वय:
फ़ारसी और भारतीय तत्वों के मेल से हिंद-फ़ारसी संस्कृति विकसित हुई, जिसने आगे चलकर उर्दू भाषा को जन्म दिया।
3️⃣ निष्कर्ष (Conclusion):
फ़ारसी प्रभाव ने भारतीय संस्कृति को एक नया आयाम दिया। इससे भारतीय समाज में सांस्कृतिक समन्वय, भाषाई समृद्धि और कलात्मक विविधता का उद्भव हुआ, जो आज भी हमारे सांस्कृतिक ताने-बाने में झलकता है।
🧭 Q2. सुल्तनत काल में चित्रकला और साहित्य के विकास में दरबारी संरक्षण की भूमिका पर चर्चा कीजिए।(Discuss the role of royal patronage in the development of painting and literature during the Delhi Sultanate period.)8 Marks / 125 Words
✍️ उत्तर संरचना (Answer Structure):
📝 नोट: नीचे दिया गया प्रारूप मॉडल उत्तर नहीं है। इसका उद्देश्य केवल यह बताना है कि आपको अपने उत्तर में किन प्रमुख बिंदुओं को शामिल करना चाहिए।
कृपया अपने शब्दों में उत्तर लिखें और नीचे कमेंट बॉक्स में उसकी स्पष्ट फोटो अटैच करें।
1️⃣ भूमिका (Introduction):
दिल्ली सल्तनत काल में दरबार कला, साहित्य और स्थापत्य के संरक्षण का केंद्र था। शासकों ने कला को राजनीतिक प्रतिष्ठा और धार्मिक महत्ता से जोड़कर देखा।
2️⃣ मुख्य भाग (Body):
(A) दरबारी संरक्षण की प्रकृति:
- कला और कलाकारों को संरक्षण: सुल्तानों ने शिल्पकारों, कवियों और इतिहासकारों को सम्मान दिया।
- फ़ारसी साहित्य का उत्कर्ष: मिनहाज-उस-सिराज, ज़ियाउद्दीन बरनी और अमीर ख़ुसरू जैसे लेखक दरबार से जुड़े थे।
- चित्रकला: यद्यपि इस काल में चित्रकला सीमित थी, परंतु लघुचित्र परंपरा की नींव पड़ी जो बाद में मुगल काल में विकसित हुई।
- धार्मिक एवं ऐतिहासिक ग्रंथ: दरबारी संरक्षण से तारीख़-ए-फ़िरोज़शाही और तुग़लक़-नामा जैसे ग्रंथ लिखे गए।
(B) कला-संवर्धन का प्रभाव:
दरबार के संरक्षण से साहित्य और कला में विषय-विविधता आई तथा दरबारी भाषा फ़ारसी के माध्यम से ज्ञान-विज्ञान का विस्तार हुआ।
3️⃣ निष्कर्ष (Conclusion):
दरबारी संरक्षण ने दिल्ली सल्तनत काल में साहित्य और चित्रकला को नई दिशा दी। यह काल भारतीय कला और संस्कृति में राजनीतिक आश्रय और बौद्धिक प्रोत्साहन का युग था।
📸 निर्देश:
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👉 भाषा, प्रस्तुति और अभिव्यक्ति को सरल, सुसंगत एवं प्रभावशाली रखें।

