"भारत की शैक्षणिक छलांग: QS Asia University Rankings 2026 में रिकॉर्ड 294 संस्थान"
"भारत की शैक्षणिक छलांग: QS Asia University Rankings 2026 में रिकॉर्ड 294 संस्थान"

QS Asia University Rankings 2026

🌏 QS Asia University Rankings 2026 में भारत की ऐतिहासिक छलांग


भारत के प्रधानमंत्री ने देश की ऐतिहासिक उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया —
QS Asia University Rankings 2026 में भारत के 294 विश्वविद्यालयों को स्थान मिला है, जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या है।
यह उपलब्धि न सिर्फ भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली के सशक्तिकरण को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि भारत वैश्विक शैक्षणिक प्रतिस्पर्धा में तेजी से उभर रहा है।


QS Asia University Rankings एक वार्षिक रैंकिंग प्रणाली है जिसे Quacquarelli Symonds (QS) नामक ब्रिटिश एजेंसी प्रकाशित करती है।
इसका उद्देश्य एशिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन करना और उनकी शैक्षणिक प्रतिष्ठा, रोजगार क्षमता, शोध योगदान और अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण को मापना है।

यह रैंकिंग 2009 से हर साल जारी की जा रही है और अब यह एशिया में विश्वविद्यालयों के गुणवत्ता सूचक (Quality Benchmark) के रूप में देखी जाती है।


  • एशिया के विश्वविद्यालयों को वैश्विक मानकों के साथ तुलनीय बनाना
  • शोध, नवाचार और शिक्षण में उत्कृष्टता को उजागर करना
  • उच्च शिक्षा में प्रतिस्पर्धा और सहयोग को बढ़ावा देना

संकेतकवजन (%)विवरण
1. Academic Reputation30%वैश्विक शिक्षाविदों की राय पर आधारित
2. Employer Reputation20%स्नातकों की रोजगार क्षमता का मूल्यांकन
3. Faculty/Student Ratio10%शिक्षण गुणवत्ता का संकेत
4. International Research Network10%अंतरराष्ट्रीय शोध सहयोग
5. Citations per Paper10%शोध प्रभाव
6. Papers per Faculty5%शोध उत्पादकता
7. Staff with PhD5%उच्च योग्यता का स्तर
8. International Faculty Ratio2.5%विदेशी शिक्षक अनुपात
9. International Student Ratio2.5%विदेशी छात्र अनुपात
10. Inbound Exchange Students2.5%आने वाले विनिमय छात्र
11. Outbound Exchange Students2.5%बाहर जाने वाले विनिमय छात्र

भारत के 294 विश्वविद्यालयों को इस साल QS Asia University Rankings में स्थान मिला है।
यह संख्या 2025 की तुलना में लगभग 20% अधिक है, जो उच्च शिक्षा क्षेत्र में भारत के तीव्र विस्तार को दर्शाती है।

  1. IIT Delhi – रैंक 59 (2025 में 44)
  2. IISc Bengaluru – रैंक 64
  3. IIT Madras – रैंक 70
  4. IIT Bombay – रैंक 71
  5. IIT Kanpur – रैंक 77

हालांकि IIT दिल्ली की रैंक कुछ गिरी है, लेकिन भारत की समग्र उपस्थिति और भागीदारी में जबरदस्त वृद्धि हुई है।


रैंकविश्वविद्यालयदेश
1University of Hong Kongहांगकांग
2Peking Universityचीन
3Nanyang Technological University (NTU)सिंगापुर
3National University of Singapore (NUS)सिंगापुर
5Fudan Universityचीन

इस बार भी शीर्ष स्थान एशिया के “पूर्वी देशों” — चीन, हांगकांग और सिंगापुर — के पास हैं।


भारत की उपलब्धि दो स्तरों पर महत्वपूर्ण है:

  1. संख्या की दृष्टि से – भारत अब चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा प्रतिनिधि देश बन गया है।
  2. गुणवत्ता की दृष्टि से – भारत के कई संस्थानों ने शोध और नवाचार के संकेतकों में उल्लेखनीय सुधार दिखाया है।

फिर भी, अंतरराष्ट्रीय छात्रों और फैकल्टी की संख्या अभी भी सीमित है, जो भारत के लिए आगे सुधार का क्षेत्र है।


  • शोध में निवेश और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की बढ़ती संभावनाएँ
  • नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP 2020) का प्रभाव दिखना शुरू
  • विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी और द्विपक्षीय MoU
  • अंतरराष्ट्रीय छात्र एवं फैकल्टी का अभाव
  • शोध गुणवत्ता में निरंतर सुधार की आवश्यकता
  • विश्वविद्यालयों के बीच संसाधनों में असमानता

भारत को आगे बढ़ने के लिए निम्न कदम उठाने होंगे:

  • ग्लोबल फैकल्टी एक्सचेंज और विदेशी साझेदारी को बढ़ावा देना
  • शोध-प्रकाशन और नवाचार पर फोकस
  • अकादमिक-इंडस्ट्री संबंधों को मजबूत करना
  • “Employability-Oriented” शिक्षा प्रणाली विकसित करना

Q1. QS Asia Rankings कौन जारी करता है?
👉 इसे Quacquarelli Symonds (QS) नामक UK स्थित संस्था जारी करती है।

Q2. भारत की भागीदारी कितनी बढ़ी है?
👉 2026 में 294 भारतीय संस्थान शामिल हुए — अब तक की सबसे अधिक संख्या।

Q3. शीर्ष भारतीय संस्थान कौन से हैं?
👉 IIT Delhi (59), IISc Bengaluru (64), IIT Madras (70), IIT Bombay (71), IIT Kanpur (77)।

Q4. क्या कोई भारतीय विश्वविद्यालय शीर्ष 10 में है?
👉 नहीं, लेकिन भारत का समग्र प्रदर्शन मजबूत हुआ है।

Q5. भारत को क्या सुधार करने चाहिए?
👉 अंतरराष्ट्रीय शोध नेटवर्क, विदेशी फैकल्टी, शोध प्रभाव और रोजगार क्षमता में सुधार।


QS Asia University Rankings 2026 भारत के लिए गर्व का क्षण है।
यह दिखाता है कि भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली लगातार विकास और सुधार की दिशा में अग्रसर है।
यदि यही गति बरकरार रही, तो आने वाले वर्षों में भारत न केवल संख्या में, बल्कि गुणवत्ता में भी एशिया का शिक्षा-नेता बन सकता है।