👶 भारत की जनसंख्या की नई दिशा — जन्म घटे, मृत्यु थोड़ी बढ़ी: समाजिक बदलाव का संकेत
📅 स्रोत: The Hindu 14th Oct. 2024 | Vital Statistics of India (CRS Report 2023) | Registrar General of India (RGI)
📰 समाचार का सारांश
भारत की जनसंख्या वृद्धि की गति अब धीमी पड़ रही है।
2023 में देश में 2.52 करोड़ जन्म दर्ज किए गए — जो 2022 की तुलना में 2.32 लाख कम हैं।
वहीं, 86.6 लाख मौतें दर्ज की गईं — 2022 के 86.5 लाख से थोड़ी अधिक।
यह आँकड़े गृह मंत्रालय के रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) द्वारा जारी
‘सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) रिपोर्ट 2023’ में सामने आए हैं।
🔍 घटती जन्म दर का अर्थ — समाजिक परिवर्तन की शुरुआत
भारत में पहली बार जन्म दर लगातार घट रही है।
यह केवल आँकड़ा नहीं, बल्कि परिवर्तनशील समाज का संकेत है —
- बढ़ती शिक्षा और जागरूकता,
- महिलाओं की रोज़गार और स्वास्थ्य तक पहुँच,
- और परिवार नियोजन की स्वीकृति
इन सबने मिलकर भारत को “जनसंख्या नियंत्रण से जनसंख्या प्रबंधन” के युग में प्रवेश करा दिया है।
👉 यह संकेत है कि भारत अब जनसंख्या स्थिरीकरण (Population Stabilization) की ओर बढ़ रहा है।
⚰️ मृत्यु दर में वृद्धि — वृद्ध समाज की ओर बढ़ता भारत
रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में 86.6 लाख लोगों की मृत्यु दर्ज हुई।
यह आँकड़ा मामूली सही, पर बताता है कि भारत अब वृद्ध समाज (Ageing Society) की ओर बढ़ रहा है।
जैसे-जैसे जीवन प्रत्याशा (Life Expectancy) बढ़ती है,
वैसे-वैसे बुजुर्ग जनसंख्या में वृद्धि और उनसे जुड़ी स्वास्थ्य चुनौतियाँ सामने आती हैं।
➡️ आने वाले वर्षों में भारत को “Elderly Healthcare Policy” को प्राथमिकता देनी होगी।
⚖️ लिंग असंतुलन — विकास के बीच छिपी असमानता
रिपोर्ट के “Sex Ratio at Birth (SRB)” के आँकड़े बताते हैं कि भारत में लिंग असंतुलन अभी भी गहरा है।
| 🔼 उच्चतम SRB | 🔽 न्यूनतम SRB |
|---|---|
| अरुणाचल प्रदेश – 1,085 | झारखंड – 899 |
| नागालैंड – 1,007 | बिहार – 900 |
| गोवा – 973 | तेलंगाना – 906 |
| त्रिपुरा – 972 | महाराष्ट्र – 909 |
| लद्दाख – 972 | गुजरात – 910 |
जहाँ पूर्वोत्तर राज्य (Arunachal, Nagaland) बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं,
वहीं झारखंड, बिहार और गुजरात जैसे राज्य लिंग भेदभाव की कड़वी सच्चाई दिखाते हैं।
“सांस्कृतिक सोच और सामाजिक मानसिकता अभी भी जन्म दर से अधिक, लड़का या लड़की कौन हुआ, पर केंद्रित है।”
🏥 स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का सकारात्मक संकेत
- रिपोर्ट के अनुसार 74.7% जन्म अस्पतालों में हुए,
जो संस्थागत प्रसव (Institutional Births) में लगातार सुधार का संकेत है। - कुल 98.4% जन्म पंजीकृत हुए — यानी भारत अब लगभग संपूर्ण नागरिक डेटा सिस्टम की ओर बढ़ रहा है।
यह आँकड़ा दर्शाता है कि डिजिटल शासन और स्वास्थ्य ढाँचा गाँवों तक पहुँच रहा है।
🗺️ क्षेत्रीय विषमता — विकास असमान
रिपोर्ट में स्पष्ट है कि पंजीकरण और लिंगानुपात दोनों में राज्यों के बीच गहरा अंतर है।
कुछ राज्य 90% से अधिक पंजीकरण दर तक पहुँच चुके हैं (जैसे गुजरात, पुडुचेरी, चंडीगढ़, केरल),
वहीं कुछ राज्य जैसे झारखंड, उत्तर प्रदेश, असम अभी भी पीछे हैं।
यह बताता है कि भारत में “विकास की गति एकसमान नहीं है।”
📘 पृष्ठभूमि ज्ञान (Additional Knowledge)
| तथ्य | विवरण |
|---|---|
| रिपोर्ट का नाम | Vital Statistics of India – CRS Report 2023 |
| जारी संस्था | Registrar General of India (RGI), Ministry of Home Affairs |
| कानूनी आधार | Registration of Births and Deaths Act, 1969 |
| डेटा का महत्व | नीति निर्माण, स्वास्थ्य योजनाएँ, जनगणना की तैयारी |
| जन्म दर घटने का अर्थ | Fertility Decline → Population Stabilization |
| मृत्यु दर बढ़ने का कारण | वृद्ध जनसंख्या और बीमारियों का सामान्यीकरण |
💭 भारत किस दिशा में जा रहा है?
भारत अब उस दौर में है जहाँ
तेजी से बढ़ती जनसंख्या की चिंता, अब जनसंख्या संतुलन के अवसर में बदल रही है।
- जन्म दर में गिरावट का अर्थ है —
भारत का समाज गुणवत्ता-आधारित विकास की ओर अग्रसर है। - मृत्यु दर में मामूली वृद्धि यह संकेत देती है —
देश को अब बुजुर्गों की स्वास्थ्य नीतियों पर ध्यान देना होगा। - लेकिन सबसे बड़ा संदेश यह है —
विकास के बीच लिंग समानता और क्षेत्रीय न्याय अब भी अधूरा सपना है।
🌱 निष्कर्ष (Conclusion)
भारत की 2023 की जनसंख्या रिपोर्ट हमें यह सिखाती है कि
“विकास केवल संख्या का खेल नहीं है, बल्कि संतुलन और समानता का प्रश्न है।”घटती जन्म दर, बढ़ती मृत्यु दर और असंतुलित लिंग अनुपात —
ये तीनों संकेत हैं कि भारत अब “जनसंख्या अधिकता” नहीं, बल्कि “जनसंख्या गुणवत्ता” के युग में प्रवेश कर चुका है।

