🌟 UPPCS Mains 2025 | Daily Mains Answer Writing (Day 7)
📘 विषय : गुप्तकालीन प्रशासन और सांस्कृतिक उपलब्धियाँ (Gupta Period)
🧭 Q1. गुप्तकालीन भूमि-राजस्व प्रणाली एवं भूमि-दान प्रथा के शासन पर प्रभाव का विश्लेषण कीजिए।(Analyze the impact of the Gupta land revenue system and the land grant (Bhudan) practice on administration.) 8 Marks / 125 Words
✍️ उत्तर संरचना (Answer Structure):
📝 नोट:
नीचे दिया गया प्रारूप मॉडल उत्तर नहीं है। इसका उद्देश्य केवल यह बताना है कि आपको अपने उत्तर में किन प्रमुख बिंदुओं को शामिल करना चाहिए।
👉 कृपया अपना उत्तर अपने शब्दों में लिखें और नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में उसकी स्पष्ट व साफ फोटो अटैच करें।
✍️ अपने उत्तर की भाषा, प्रस्तुति और अभिव्यक्ति को सरल, सुसंगत और प्रभावशाली बनाएँ ताकि आपका उत्तर परीक्षा की दृष्टि से उत्कृष्ट लगे।
1️⃣ भूमिका (Introduction):
गुप्तकाल को “स्वर्ण युग” कहा जाता है, किन्तु प्रशासनिक दृष्टि से यह भूमि-राजस्व एवं भूमि-दान प्रणाली के विकास का युग भी था।
इस काल में राजस्व संग्रह के नए साधन और शासक–जमींदार–कृषक के बीच संबंधों में परिवर्तन हुए।
2️⃣ मुख्य भाग (Body):
(A) भूमि-राजस्व प्रणाली:
- भूमि पर कर (भूमिकर) राज्य की प्रमुख आय थी।
- कृषि उत्पादन के आधार पर कर का निर्धारण होता था।
- प्रशासनिक इकाइयाँ — भुक्ति, विषय, ग्राम — में विभाजित व्यवस्था।
- उपरिक, विषयपति, और ग्रामिक जैसे अधिकारी राजस्व वसूली में संलग्न थे।
(B) भूमि-दान प्रथा का प्रभाव:
- ब्राह्मणों, बौद्ध मठों व अधिकारियों को भूमि दान दी गई।
- अगम्य, करमुक्त और प्रशासनिक अधिकार सहित भूमि दान से राजकीय नियंत्रण घटा।
- इससे सामंती प्रवृत्तियों का विकास हुआ और राज्य राजस्व में कमी आई।
- स्थानीय प्रशासन पर ब्राह्मणिक प्रभाव बढ़ा।
3️⃣ निष्कर्ष (Conclusion):
भूमि-राजस्व और भूमि-दान प्रणाली ने गुप्तकालीन शासन को सशक्त बनाया, किंतु दीर्घकाल में इससे सामंती व्यवस्था और प्रशासनिक विकेंद्रीकरण की नींव पड़ी।
🧭 Q2. गुप्तकालीन सिक्कों, मूर्तियों और मंदिर स्थापत्य से उस युग की कलात्मक परंपरा का विश्लेषण कीजिए।(Analyze the artistic traditions of the Gupta period as reflected in its coins, sculptures, and temple architecture.) 8 Marks / 125 Words
✍️ उत्तर संरचना (Answer Structure):
📝 नोट:
नीचे दिया गया प्रारूप मॉडल उत्तर नहीं है। इसका उद्देश्य केवल यह बताना है कि आपको अपने उत्तर में किन प्रमुख बिंदुओं को शामिल करना चाहिए।
👉 कृपया अपना उत्तर अपने शब्दों में लिखें और नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में उसकी स्पष्ट व साफ फोटो अटैच करें।
✍️ अपने उत्तर की भाषा, प्रस्तुति और अभिव्यक्ति को सरल, सुसंगत और प्रभावशाली बनाएँ ताकि आपका उत्तर परीक्षा की दृष्टि से उत्कृष्ट लगे।
1️⃣ भूमिका (Introduction):
गुप्त युग भारतीय कला के उत्कर्ष का काल था। इस युग में धर्म, संस्कृति और सौंदर्य के समन्वय से कला का स्वर्ण युग आरंभ हुआ।
2️⃣ मुख्य भाग (Body):
(A) सिक्के (Coins):
- सम्राट चंद्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य के स्वर्ण मुद्राएँ उत्कृष्ट कला कौशल दर्शाती हैं।
- देवी लक्ष्मी, गरुड़, अश्वमेध यज्ञ आदि चित्रित प्रतीक धर्म–राजनीति के समन्वय को दिखाते हैं।
(B) मूर्तिकला (Sculpture):
- सारनाथ और मथुरा शैली में मूर्तियाँ शांत और सौम्य भाव से युक्त थीं।
- बौद्ध और ब्राह्मणिक मूर्तियों में मानवता और अध्यात्म का सामंजस्य झलकता है।
(C) मंदिर स्थापत्य (Temple Architecture):
- इस काल में नागर शैली के मंदिरों का विकास हुआ।
- देवगढ़ (दशावतार मंदिर), भितरगांव मंदिर आदि उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
- मंदिरों में मूर्तिकला, स्थापत्य और प्रतीकवाद का अद्भुत संगम हुआ।
3️⃣ निष्कर्ष (Conclusion):
गुप्तकालीन कला भारतीय सांस्कृतिक चेतना का सर्वोच्च रूप है — जिसने भाव, भक्ति और सौंदर्य का एक दिव्य समन्वय प्रस्तुत किया।
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