Day 4 : UPPCS Mains 2025 (Answer Writing Challenge)

🧭 UPPCS Mains 2025 | Daily Mains Answer Writing (Day 4)

📘 विषय : भारत की सांस्कृतिक परंपराएँ और गुप्तकालीन योगदान




1️⃣ भूमिका (Introduction)

  • मौर्य काल के पतन के बाद उत्तर-पश्चिम भारत में विदेशी शासकों — इंडो-ग्रीक, शक और कुषाण — का शासन स्थापित हुआ।
  • इन शासकों ने भारतीय संस्कृति को नई दिशा और विविधता प्रदान की।

2️⃣ मुख्य भाग (Body)

(A) सांस्कृतिक प्रभाव:

  • धर्म: कुषाण काल में महायान बौद्ध धर्म का विकास हुआ।
  • कला: गांधार और मथुरा शैली का उत्कर्ष — भारतीय और हेलेनिस्टिक कला का संगम।
  • भाषा और साहित्य: संस्कृत का संरक्षण; विदेशी शासकों ने स्थानीय परंपराएँ अपनाईं।
  • मुद्रा और प्रशासन: स्वर्ण मुद्रा प्रचलन, केंद्रीकृत शासन पद्धति।

(B) सामाजिक प्रभाव:

  • विदेशी जातियों का भारतीय समाज में समावेश।
  • सांस्कृतिक समरसता और धार्मिक सहिष्णुता की भावना।

3️⃣ निष्कर्ष (Conclusion)

इंडो-ग्रीक, शक और कुषाण शासकों के शासन ने भारतीय संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप दिया और कला, धर्म एवं समाज को नई दिशा प्रदान की, जो भारतीय संस्कृति की सहिष्णु और समावेशी प्रकृति का प्रमाण है।




1️⃣ भूमिका (Introduction)

  • गुप्त काल (4वीं–6वीं सदी ई.) को भारत का स्वर्ण युग कहा जाता है।
  • इस काल में साहित्य, कला और विज्ञान का अद्भुत विकास हुआ।

2️⃣ मुख्य भाग (Body)

(A) साहित्यिक योगदान:

  • कालिदास, विशाखदत्त, शूद्रक जैसे महाकवियों का योगदान।
  • संस्कृत साहित्य का उत्कर्ष — नाटक, काव्य और महाकाव्य की समृद्ध परंपरा।

(B) वैज्ञानिक योगदान:

  • आर्यभट्ट, वराहमिहिर जैसे वैज्ञानिकों का योगदान।
  • गणित, खगोलशास्त्र और चिकित्सा में उल्लेखनीय प्रगति।

(C) कला और स्थापत्य:

  • अजंता-एलोरा की भित्तिचित्र कला।
  • मंदिर निर्माण की प्रारंभिक परंपरा (दशावतार मंदिर, देogarh)।

3️⃣ निष्कर्ष (Conclusion)

गुप्त कालीन उपलब्धियाँ भारतीय संस्कृति के वैज्ञानिक, साहित्यिक और कलात्मक उत्कर्ष का प्रमाण हैं, जिन्होंने भारत को ज्ञान और संस्कृति की विश्वगुरु परंपरा में स्थापित किया।


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