Day 2 : UPPCS Mains 2025 (Answer Writing Challenge)
🧭 UPPCS Mains 2025 | Daily Mains Answer Writing (Day 2)
📘 विषय : उत्तर वैदिक काल एवं बौद्ध धर्म के उदय के सामाजिक–आर्थिक पहलू
🧭 Q1. उत्तर वैदिक काल में सामाजिक, धार्मिक और आर्थिक परिवर्तनों ने बाद के भारतीय समाज की संरचना को गहराई से प्रभावित किया।
(8 Marks / 125 Words)
उत्तर की संरचना (Answer Structure):
📝 नोट:
नीचे दिया गया प्रारूप मॉडल उत्तर नहीं है। इसका उद्देश्य केवल यह बताना है कि आपको अपने उत्तर में किन प्रमुख बिंदुओं को शामिल करना चाहिए।
👉 कृपया अपना उत्तर अपने शब्दों में लिखें और नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में उसकी स्पष्ट व साफ फोटो अटैच करें।
✍️ अपने उत्तर की भाषा, प्रस्तुति और अभिव्यक्ति को सरल, सुसंगत और प्रभावशाली बनाने का प्रयास करें ताकि आपका उत्तर परीक्षा की दृष्टि से उत्कृष्ट लगे।
1️⃣ भूमिका (Introduction)
- उत्तर वैदिक काल: लगभग 1000–600 ई.पू. का काल।
- वैदिक समाज से शास्त्रीय हिंदू समाज की ओर संक्रमण।
- समाज, धर्म और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण परिवर्तन।
2️⃣ मुख्य भाग (Body)
(A) सामाजिक परिवर्तन:
- वर्ण व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण और कर्म के आधार पर भेद।
- स्त्रियों की स्थिति में गिरावट।
- गोत्र, विवाह और कुल परंपराओं का विकास।
(B) धार्मिक परिवर्तन:
- यज्ञ-केन्द्रित धर्म से दार्शनिक चिन्तन की ओर झुकाव।
- उपनिषदों का उदय – ब्रह्म एवं आत्मा के सिद्धांत।
- कर्मकांड की बढ़ती जटिलता से असंतोष का भाव।
(C) आर्थिक परिवर्तन:
- कृषि का प्रसार और लोहे के उपयोग से उत्पादन वृद्धि।
- संपत्ति और व्यापारिक वर्ग का उभार।
- वैश्य वर्ग की प्रमुख भूमिका।
3️⃣ निष्कर्ष (Conclusion)
उत्तर वैदिक काल ने भारतीय समाज की धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक संरचना की नींव रखी,
जो आगे चलकर बौद्ध–जैन आंदोलनों और वर्गीय समाज के रूप में विकसित हुई।
🧭 Q2. “बौद्ध धर्म के उदय के सामाजिक एवं आर्थिक कारणों का विश्लेषण कीजिए।”
(8 Marks / 125 Words)
उत्तर की संरचना (Answer Structure):
📝 नोट:
नीचे दिया गया प्रारूप मॉडल उत्तर नहीं है। इसका उद्देश्य केवल यह बताना है कि आपको अपने उत्तर में किन प्रमुख बिंदुओं को शामिल करना चाहिए।
👉 कृपया अपना उत्तर अपने शब्दों में लिखें और नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में उसकी स्पष्ट व साफ फोटो अटैच करें।
✍️ उत्तर की भाषा, प्रस्तुति और अभिव्यक्ति को सुसंगत, सटीक और प्रभावशाली बनाएँ।
1️⃣ भूमिका (Introduction)
- छठी शताब्दी ई.पू. का काल – सामाजिक व आर्थिक संक्रमण का दौर।
- बौद्ध धर्म एक सामाजिक–धार्मिक सुधार आंदोलन के रूप में उभरा।
2️⃣ मुख्य भाग (Body)
(A) सामाजिक कारण:
- वर्ण व्यवस्था की कठोरता और शूद्रों–स्त्रियों का दमन।
- यज्ञकांडों से असंतोष और सादगी की खोज।
- समानता, करुणा और मध्यम मार्ग का आकर्षण।
(B) आर्थिक कारण:
- शहरीकरण और व्यापारी वर्ग का विकास।
- धनिक वर्ग का यज्ञ–कर्म से असंतोष।
- अहिंसा और सरल जीवन के सिद्धांतों का आर्थिक समर्थन।
3️⃣ निष्कर्ष (Conclusion)
बौद्ध धर्म का उदय उस समय की सामाजिक विषमता और आर्थिक परिवर्तन का परिणाम था।
इसने भारतीय समाज को समानता, नैतिकता और सहिष्णुता की नई दिशा दी।
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