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सशस्त्र बलों के लिए सुधार के पहले चरण में केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी एक स्वागत योग्य कदम है। यह सेना का पुनर्गठन करने के लिए एक योजना को गति प्रदान करेगा, जो 57,000 सैनिकों और नागरिकों को भूमिकाओं से लड़ने में पुनः तैनात करेगा, जिससे उसके परिचालन दक्षता में सुधार आएगी। यह विचार सेना के ‘नख से शिख’ तक सुधार करेगा है, जो कि वास्तव में सैनिकों की संख्या में वृद्धि करने से अधिक सम्बंधित है जो हमारे लिए दुश्मनों से लड़ते हैं। सुधारों के इस चरण को, जो केवल सेना से सम्बन्धित चिंता से जुड़ा हुआ है, वर्ष 2019 तक पूरा कर लिया जाएगा। ये सुधार लेफ्रिटनेंट जनरल डीबी शेकाटकर (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों से निर्मित हैं, जिसे मुकाबला करने की क्षमता बढ़ाने और रक्षा व्यय को पुनः उठाने के उपायों का निर्माण करने के लिए इन्हें सौंपा गया था। ................. Download pdf to Read More