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कई दशकों तक, भारतीय नीति ढांचे ने उद्यमशीलता के साथ विज्ञान और नवप्रवर्तन के संपर्क में मदद की, जिसने प्रतिस्पर्धा और उद्योग ढांचे के बाद के विकास का नेतृत्व किया जिससे स्थायी आर्थिक लाभ प्राप्त हो सके।
आजादी के करीब तीन दशक के बाद भारत में बीज शोध में निवेश के लिए सरकार एक प्रमुऽ योगदानकर्ता थी। बीज विकास पर नई नीति (1988) और नई औद्योगिक नीति (1991) जैसी नीतिगत सुधार और विज्ञान और प्रौद्योगिकी द्वारा किए गए पहलों ने भारतीय बीज उद्योग में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रेरणा प्रदान की और इस निजी निवेश ने भारत को हाइब्रिड बीज टेक्नोलॉजी और जैव प्रौद्योगिकी से लाभ दिलाया।...................... Download pdf to Read More