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हर कोई इस बात से सहमत है कि मौजूदा मंदी को पीछे छोड़ने और मध्यम अवधि में बेहतर विकास के लिए बैंकों को दुरुस्त करना कितना आवश्यक है। लेकिन एक विश्वसनीय समाधान अभी तक रेखांकित किया जाना है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर वीरिल आचार्य ने इस गंभीर समस्या की ओर सबका ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि इंद्रधनुष, जिसकी घोषणा दो साल पहले की गयी थी, बैंकिंग सुधार कार्यक्रम के लिए पर्याप्त नहीं है और हमें इसके साथ-साथ एक नए विकल्प ‘सुदर्शन चक्र’ की तलाश करनी होगी। कल्पना उचित है इंद्रधनुष भगवान इंद्र का हथियार नहीं है। यह ‘इंद्रधनुष’ केवल एक हिंदी शब्द है, जो एक अल्पकालीन घटना है, वैसे ही प्रकट होता है जैसे गायब हो जाता है। दूसरी ओर, सुदर्शन चक्र, भगवान विष्णु का हथियार हैं, जो एक बार आ जाये तो कुछ भी हो सिर काट कर ही प्रेषक के पास लौटता है।............. Download pdf to Read More