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सुप्रीम कोर्ट ने 15 से 18 साल की उम्र के बीच शादी करने वाली लड़कियों के अधिकारों को बरकरार रऽते हुए पॉस्को अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम और बाल विवाह निषेध अधिनियम जैसे कानूनों का भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के साथ समन्वय बनाया है।
भारत के सर्वाेच्च न्यायालय ने बुधवार को ऐतिहासिक फैसला देते हुए ऐसे कार्य को अंजाम दिया है जो विधायकों ने कई सालों से नहीं कर पाए थे, यह फैसला एक व्यक्ति और उसकी नाबालिग पत्नी (लड़की) के बीच यौन संबंध को अपराध मानता है।................ Download pdf to Read More