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मानसून के संकट से बचने के लिए तमिलनाडु के शहरों को दीर्घकालिक समाधान की आवश्यकता है
चेन्नई में चल रही भारी बारिश से एक बार फिर समतल भूभाग वाले तटीय महानगर की बाढ़ की चपेट में आ गया है, और उत्तर पूर्व मानसून से निपटने के लिए सरकार की तैयारियों ने गम्भीर सवाल खड़े कर दिए हैं। रविवार (7 नवंबर) के शुरुआती घंटों में, 21 सेमी की भारी बारिश के पहले दौर ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया।
पिछले चार महीनों में लगभग 700 किमी तक चलने वाले नालों और जलमार्गों को साफ करने के बावजूद, बाढ़ की समस्या में कोई ठोस सुधार नहीं देखा गया।
2015 की दिसंबर में आई बाढ़ के दुःस्वप्न को अभी तक चेन्नई में कोई भूल नही पाया है।आज भी जब सहस्र की सीमाओं पर अवस्थित जलाशयों से अधिशेष पानी को रिलीज करने वाले पॉइंट्स की निगरानी करने वाले अधिकारियों के मन में पुरानी भयावह मंजर की तस्वीरें ताजा देखी जा सकती हैं।
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