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इस नीति तक पहुँच के लिए जिस तरह से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक दर में कटौती पर एकतरफा दांव बनाया था, वह काफी दिलचस्प था। देखा जाए तो उपभोत्तफ़ा मूल्य सूचकांक (सीपीआई) की मुद्रास्फीति मार्च में 3.9% से मई में 2.2% तक पहुंच गई और विशेष रूप जून में 1.5% तक पहुंच गई थी, जो कि RBI के सबसे निचले स्तर के अनुमान 2-3.5% से भी कम थी। .................................... Download pdf to Read More