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कैबिनेट ने हाल ही में मजदूरी संहिता विधेयक को मंजूरी दे दी है, जो सभी नागरिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी को वैधानिक अधिकार देने का एक प्रस्ताव है। इस विधेयक को मानसून सत्र में संसद में पेश किया गया था, जिसमें निर्धारित न्यूनतम मासिक मजदूरी का प्रस्ताव शामिल किया गया है, जो सभी राज्यों पर बाध्यकारी होगा। एक बार पारित हो जाने के बाद, राज्य सरकार केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन से कम वेतन निर्धारित नहीं कर सकेगी। इसके माध्यम से चार कानूनों-मजदूरी संदाय अधिनियम 1936, न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948, बोनस संदाय अधिनियम 1965 और समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976 को मिलाकर उसे सरल और सुव्यवस्थित बनाने का प्रस्ताव किया गया है।विधेयक का उद्देश्य भौगोलिक क्षेत्रें में न्यूनतम मजदूरी में व्याप्त असमानता को कम करना है।........... Download pdf to Read More