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इजराइल में एक उन्नत मिसाइल-रोधी प्रणाली तैनात करने और इसे संचालित करने के लिए सैनिकों को वहां भेजने का बाइडेन प्रशासन का फैसला इस बात का ताजा संकेत है कि संयुक्त राज्य अमेरिका पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष में शामिल हो रहा है। हमास द्वारा 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमले के बाद जब से इस इलाके में ताजा युद्ध छिड़ा है, संयुक्त राज्य अमेरिका ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि वह क्षेत्रीय युद्ध नहीं चाहता है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने दोहरा रूख अख्तियार किया - एक तरफ जहां गाजा के खिलाफ युद्ध में इजराइल को खुली छूट दिया, वहीं दूसरी तरफ युद्ध को बढ़ने से रोकने के लिए अमेरिका के राजनयिक व सैन्य संसाधनों को झोंका। जब इजराइल ने नरसंहार के आरोपों का सामना करते हुए गाजा के खिलाफ एक विनाशकारी व असंगत युद्ध छेड़ा, तो बाइडेन ने अमेरिकी गठबंधन को सलामत रखने के लिए विदेश मंत्री एंटनी जे. ब्लिंकन को कई बार इस इलाके में भेजा। अमेरिका ने जहां यमन के हौथियों जिन्होंने "इजराइल के खिलाफ युद्ध का एलान किया" और लाल सागर में वाणिज्यिक जहाजों पर हमला किया के खिलाफ हवाई हमले का अभियान शुरू किया और इराक एवं सीरिया में शिया मिलिशिया, हशद अल-शबी के खिलाफ भी हमले किए, वहीं विदेश मंत्री ब्लिंकन ने अमेरिकी-अरब गठबंधन को एकजुट रखा। लेकिन बाइडेन ने उस इजराइल पर सार्थक दबाव नहीं बनाया, जिस पर अब संयुक्त राष्ट्र की जांच में गाजा में युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध करने का आरोप लगाया गया है। ब्राउन यूनिवर्सिटी की युद्ध की लागत परियोजना का कहना है कि बाइडेन प्रशासन ने अक्टूबर 2023 से इजराइल को 17.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता भेजी है। जब इजराइल ने दमिश्क में ईरानी दूतावास पर बमबारी करके युद्ध को ईरान के दरवाजे पर पहुंचाया या जब उसने लेबनान पर आक्रमण शुरू किया, तो वाशिंगटन ने कुछ नहीं किया।
टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (टीएचएएडी) प्रणाली को तैनात करने का अमेरिका का फैसला भी उसके सहयोगी की नाजुक सुरक्षा स्थिति की ओर इशारा करता है। कुल 12 महीने के युद्ध के बाद, इज़राइल अभी भी अपने मकसद को पूरा नहीं कर पाया है। हमास अब भी इजराइल पर रॉकेट दाग रहा है। इजराइल के लेबनान पर हमले के बाद हिजबुल्लाह ने रॉकेट व ड्रोन से हमले तेज कर दिए हैं। रविवार को हिजबुल्लाह के एक ड्रोन ने एक इजराइली सैन्य अड्डे पर हमला किया, जिसमें चार सैनिक मारे गए। एक अक्टूबर को ईरान ने इजराइल पर बैलिस्टिक मिसाइलों से बड़ा हमला किया था। जहां 200 ईरानी मिसाइलों में से अधिकांश को इजराइली और अमेरिकी प्रणालियों द्वारा रोक लिया गया, वहीं दर्जनों मिसाइलों ने कम से कम दो इजराइली हवाई अड्डों को निशाना बनाया। जवाबी कार्रवाई की ईरान की धमकियों के बीच जब इजराइल ईरान के खिलाफ अपनी प्रतिक्रिया की तैयारी कर रहा है, ऐसे में अमेरिका को अपने सहयोगी की सुरक्षा को मजबूत करना जरूरी लगा है। यह कदम इस तर्क को भी रेखांकित करता है कि इजराइल सुरक्षा और रक्षा के लिए अमेरिका पर अत्यधिक निर्भर है, जो वाशिंगटन को तेल अवीव पर पर्याप्त बढ़त देता है। कुछ अजीब वजहों से, बाइडेन प्रशासन ने अब तक उस बढ़त का इस्तेमाल करने से इनकार किया है जबकि इजराइल गाजा, पश्चिमी किनारे, सीरिया और लेबनान में दुष्टता पर उतारू है। जब तक कि वाशिंगटन अपने निकटतम सहयोगी पर लगाम नहीं लगाता, तनाव में वृद्धि यह चक्र अमेरिका को इस संघर्ष में और गहराई तक खींच सकता है जिसके सभी पक्षों के लिए विनाशकारी नतीजे होंगे।
THAAD मिसाइल प्रणाली के बारे में:
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THAAD का विकास