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केंद्र और आरबीआई के बीच मतभेद कहीं से बेहतर नहीं है। उन्हें निजी रूप से अपने मतभेदों को हल करना चाहिए।
पिछले कुछ महीनों से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और केंद्र के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए उप गवर्नर विरल आचार्य ने सार्वजनिक बयान के माध्यम से सप्ताहांत में मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक आरबीआई कोई सरकारी विभाग नहीं है और सरकार को इसे अर्थव्यवस्था में सुधार लाने से ज्यादा इसको स्वायत्तता देने की जरूरत है............
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