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भारत-ओपेक संस्थागत वार्ता का सह-अध्यक्षता करते हुए और ओपेक के सचिव-जनरल मोहम्मद सानू बार्किंडो के साथ मुलाकात के दौरान, धर्मेंद्र प्रधान ने जोर देकर कहा कि ओपेक को भारत की जरूरत है न की भारत को ओपेक की, जिसे सुनने के बाद मेजबान देश काफी हैरत में आ गये। क्योंकि वर्तमान में भारत में कच्चे तेल का 80 फीसदी हिस्सा, प्राकृतिक गैस का 70 फीसदी और एलपीजी का 95 फीसदी हिस्सा ओपेक देशों से आयात होता है।.................. Download pdf to Read More